Pratham vishwa yudh kab hua tha : नमस्कार दोस्तों Navbharatfeeds में आपका स्वागत है। आज हम आपको इस आर्टिकल में प्रथम विश्व युद्ध के एक ऐतिहासिक कहानी और Pratham vishwa yudh kab hua tha इसके के बारे में बताने वाले हैं।
जिसने पूरे विश्व को अपनी दहशत में लपेट लिया था, और देखा जाए यह युद्ध 1914 से 1918 तक चला था और कई राष्ट्रों को अपनी स्वतंत्रता और स्वाधीनता के लिए एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने को मजबूर किया।
इस लेख में हम इस ऐतिहासिक घटना की उत्पत्ति, कारण और प्रभाव को सरल भाषा में जानेंगे।
Table of Contents
विषय | प्रथम विश्व युद्ध कब हुआ था,(Pratham vishwa yudh kab hua tha) |
युद्ध | प्रथम विश्व युद्ध |
प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत | 28 जुलाई1914 |
प्रथम विश्व युद्ध के मुख्य कारण | साम्राज्यवादी, राष्ट्रवाद, सैन्यवाद, आर्थिक संकट, देशों के बीच गठबंधन |
युद्ध के चरण | |
प्रथम विश्व युद्ध के परिणाम | राजनीतिक परिणाम, आर्थिक प्रभाव, और अन्य सामाजिक परिणाम |
प्रथम विश्व युद्ध कब शुरू हुआ (Pratham vishwa yudh kab hua tha)
प्रथम विश्व युद्ध, जिसे “महान युद्ध” के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐतिहासिक घटना है जिसने दुनिया को स्वतंत्रता और परिवर्तन की राह पर स्थापित किया। इस युद्ध की शुरुआत जुलाई 28 साल 1914 में हुई थी। प्रथम विश्व युद्ध को वॉर टू एंड आल वार्स नाम भी दिया गया था। और प्रथम युद्ध की शुरुआत 28 जुलाई 1914 को हुई थी। और यह 4 वर्ष तक चला इस में 37 देशों ने भाग लिया।
प्रथम विश्व युद्ध की उत्पत्ति
प्रथम विश्व युद्ध की उत्पत्ति 19वीं सदी के अंत में हुई प्रतिद्वंद्विता से जुड़ी हुई है। 1871 में जर्मनी के एकीकरण के बाद अन्य यूरोपीय देश, विशेषकर ब्रिटेन और फ्रांस, जर्मनी की आर्थिक प्रगति को लेकर चिंतित हो गये।
प्रथम विश्व युद्ध 28 जून, 1914 को शुरू हुआ था। और इस दिन, दक्षिण स्लाव राष्ट्रवादी गैवरिलो प्रिंसिप ने ऑस्ट्रियाई आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी सोफी की हत्या कर दी थी। हम आपको जानकारी दे की ये घटना सर्बिया के सर्बिया शहर की है. हत्या के बाद, ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को दोषी ठहराया और 28 जुलाई को युद्ध की घोषणा की थी।
इसके बाद रूस, फ्रांस और ब्रिटेन ने सर्बिया की मदद की, जबकि जर्मनी ने ऑस्ट्रिया का समर्थन किया और अगस्त में जापान और ब्रिटेन ने युद्ध में भाग लिया। कुछ समय बाद उस्मानिया और जर्मनी भी युद्ध में शामिल हो गये।
यह युद्ध दो गुटों के बीच हुआ था, पहला गुट मित्र देशों का था, जिसमें ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, अमेरिका, इटली और रोमानिया शामिल थे। और दूसरे समूह में जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की और बुल्गारिया शामिल थे। 1917 के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका भी मित्र राष्ट्रों की ओर से युद्ध में शामिल हो गया। और यह युद्ध 1914 से 1918 तक चला.
प्रथम विश्व युद्ध के मुख्य कारण
प्रथम विश्व युद्ध, जिसे 1914 से 1918 तक चली अवधि के रूप में जाना जाता है, एक ऐतिहासिक घटना थी जिसने पूरी दुनिया को संघर्ष में झोंक दिया था। इस युद्ध की शुरुआत के पीछे सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्तर पर कई कारण थे। आइये हम प्रथम विश्व युद्ध के कुछ मुख्य प्रमुख कारणों पर विचार करें।
- राष्ट्रवाद
- साम्राज्यवादी
- सैन्यवाद
- देशों के बीच गठबंधन
- आर्थिक संकट
युद्ध के चरण (Pratham vishwa yudh kab hua tha)
प्रथम विश्व युद्ध विभिन्न चरणों में विकसित हुआ, जो युद्ध की विभिन्न स्थितियों को दर्शाता है। प्रथम विश्व युद्ध 1914 से 1918 के बीच 4 वर्षों के दौरान संघर्ष किया।
शुरुआती चरण (1914-1915)
प्रथम विश्व युद्ध 1914 में शुरू हुआ, जब ऑस्ट्रिया-हंगरी द्वारा आर्कड्यूक फ्रांस फर्डिनेंड की हत्या के बाद यूरोप में युद्ध की घड़ी आ गई। जून 1914 में, ब्लैक हैंड नामक एक सर्बियाई-राष्ट्रवादी आतंकवादी समूह ने आर्चड्यूक की हत्या के लिए समूह भेजे। और 28 जुलाई, 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया पर युद्ध की घोषणा की, इस प्रकार प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत हुई।
इस हत्या से शुरू हुए युद्ध में जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और अन्य देश शामिल हो गए और आपसी संघर्ष में आगे बढ़ने का फैसला किया। इस चरण में जनता के बीच सबसे अधिक रणनीतिक समर्थन और उत्साह था।
स्थिति स्थिरता का चरण (1915-1917)
इस स्तर पर, युद्ध स्थिरता की स्थिति की ओर मुड़ गया, लेकिन घातक लड़ाई जारी रही। खाई युद्ध के आगमन के साथ, यूरोप के बड़े हिस्से में लकड़ी की खाइयों को खोदने और उनमें सैनिकों को ले जाने की पद्धति शुरू हुई। सैन्य भोजन की कमी, बीमारियों और सामरिक तनाव के कारण सैनिकों की मृत्यु दर में वृद्धि हुई।
युद्ध की घटित घटनाएं (1917-1918)
वर्ष 1917 में दो घटनाएँ घटित हुईं। जिन्होंने संपूर्ण युद्ध का रुख ही बदल दिया था। सर्वप्रथम जहाँ एक ओर संयुक्त राज्य अमेरिका मित्र राष्ट्रों के बेड़े में शामिल हो गया, और वहीं दूसरी ओर रूसी क्रांति के बाद रूस युद्ध से बाहर हो गया।
संप्रति और समाधान (1918)
प्रथम विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक चला। इस युद्ध में कई महाद्वीपों पर, समुद्र और हवा में लड़ाई हुई। और ये युद्ध कई महीनों तक चलता रहा. इस युद्ध में जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और तुर्की केंद्रीय शक्तियाँ थीं। वहीं, फ्रांस, ग्रेट ब्रिटेन, रूस, इटली, जापान और 1917 से अमेरिका सहयोगी थे।
जर्मनी और ऑस्ट्रिया के अनुरोध पर 11 नवंबर, 1918 को युद्ध समाप्त हो गया। इस युद्ध में जर्मनी की हार हुई। इसके बाद विजयी मित्र राष्ट्रों ने जर्मनी को वर्साय संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया और विनाशकारी प्रथम विश्व युद्ध समाप्त हो गया।
प्रथम विश्व युद्ध के परिणाम
प्रथम विश्व युद्ध का पूरी दुनिया पर भयानक प्रभाव हुआ। प्रथम विश्व युद्ध के परिणामों में राजनीतिक परिणाम, आर्थिक प्रभाव, और अन्य सामाजिक परिणाम शामिल है। और प्रथम विश्व युद्ध के बाद कई अन्य संधियों पर हस्ताक्षर किए गए। प्रथम विश्व युद्ध के परिणामों को के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दें।
प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के परिणामस्वरूप दुनिया को बड़े बदलावों का सामना करना पड़ा और इसने विश्व इतिहास की दिशा बदल दी। यह युद्ध एक बहुत बड़ा संघर्ष था जिसमें विश्व के कई देशों ने भाग लिया था।
राजनीतिक परिणाम (Pratham vishwa yudh kab hua tha)
प्रथम विश्व युद्ध के राजनीतिक परिणाम: नए रिश्तों का निर्माण, राजनीतिक सीमाओं में बदलाव, यूरोप की कमजोरी, अमेरिका और सोवियत संघ की बढ़ती शक्ति, विरासत के लिए समर्थन और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना।
- नई राजनीतिक सीमाएँ और राष्ट्रों की स्वतंत्रता।
- यूरोप की कमजोरी, अमेरिका और सोवियत संघ की बढ़ती ताकत।
- विरासत के समर्थन में समर्थन.
- USSR का गठन 1922 में हुआ था.
आर्थिक परिणाम
- युद्ध में सम्मिलित देशों ने बहुत धन खर्च किया। जर्मनी और ग्रेट ब्रिटेन ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं से प्राप्त धन का लगभग 60 प्रतिशत युद्ध पर खर्च किया।
- देशों को कर बढ़ाने पड़े और नागरिकों से धन भी उधार लेना पड़ा।
- युद्ध के बाद यूरोप में भारी तबाही मची।
- जर्मनी ने अपनी औद्योगिक ताकत खो दी और युद्ध की लागत का भुगतान करने के लिए कर्ज में डूब गया।
सामाजिक परिणाम
- युद्ध ने समुदायों को कमज़ोर कर दिया और करीब लाखों करोड़ लोग की मृत्यु हो गई।
- महिलाओं की भूमिका में बदलाव आया और समाज में उनकी स्थिति मजबूत हुई।
- युद्ध ने युवा संस्कृति को प्रोत्साहित किया और नए विचारों और आंदोलनों को जन्म दिया।
- मानवाधिकारों के महत्व पर प्रकाश डाला गया और स्वतंत्रता की मांग बढ़ गई।
- विभिन्न समुदायों में राष्ट्रीयता एवं स्वतंत्रता संग्राम की भावना उत्पन्न हुई।
वर्साय की संधि (1919)
28 जून, 1919 को वर्साय की संधि पर हस्ताक्षर के साथ ही प्रथम विश्व युद्ध समाप्त हो गया। युद्ध के बाद जर्मनी को उसके आर्थिक और वित्तीय संकट के लिए दंडित करने के लिए इस संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। और प्रथम विश्व युद्ध के बाद निम्नलिखित संधियाँ की गईं थी।
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